COVID-19 tests detect either the coronavirus itself or antibodies made as part of the immune response to it. The virus test detects active infection and works best during the first seven days of symptoms. The antibody test detects past infection and works best from around ten days after the start of symptoms. Virus testing is used mainly for the diagnosis of COVID-19. Antibody testing is used mainly for surveys of the extent of COVID-19 spread in the population.
The test for the virus detects the genetic material (nucleic acid) of the virus during an active infection. It is also called a PCR (polymerase chain reaction) test or nucleic acid test and is sometimes inaccurately called an antigen test. The other test detects the presence of antibodies as a marker of past infection. Each test is useful in different ways and in different circumstances.
अभी तो कोई भी ऐसी सूचना नहीं दी गई है जिसमें यह बताया हो कि अगर कोई बच्चा 1 दिन पहले या पहले से ही वह तो उसको पेपर देने दिया जाएगा या फिर नहीं देने दिया जाएगा अगर हम पिछले साल की बात करें तो पिछले साल भी कुछ ऐसा ही मंजर था जिसमें बच्चों को पता ही नहीं था कि आगे क्या होगा और आखिर में जाकर पेपर कैंसिल हो गए थे जैसे कि कक्षा दसवीं के पेपर पहले से ही कैंसिल कर दिए गए हैं और 12वीं के आगे बढ़ा दिए गए हैं परंतु मुझे ऐसा लगता है कि यह पेपर भी कैंसिल ही होंगे क्योंकि कोई भी हालत अभी भी ऐसे नहीं दिख रहे हैं कि आगे जाकर पेपर हो सके
इस बार यह तो पक्का है कि जो आपको मांस दिए जाएंगे वह आप के प्री बोर्ड के बीच पर नहीं दिए जाएंगे जबकि उसका कोई एक अलग ही तरीका निकाला जाएगा जो भी अभी सीबीएसई द्वारा नहीं बताया गया है क्योंकि अगर प्री बोर्ड द्वारा दिया जाएगा तो फिर सब बच्चों के कम मार्क्स आएंगे और फिर वह धरने पर आ जाएंगे तो कहीं ना कहीं सीबीएससी को भी यह चीज पता है और वह चीज का पूरा ख्याल रखेगी
अगर हम 2020 के पेपर की बात करें तो कुछ बच्चों के दो तीन या चार पेपर हो गए थे जिसमें से उनके केवल एक या दो पेपर बचे थे और दिए गए पेपर के आधार पर ही उन्हें बाकी के बचे विषयों पर मार्च दिए गए थे पर इस बार एक भी पेपर नहीं हुए तो यह सीवीसी के लिए बहुत कठिन होगा यह तय करना कि किसको कितने मार दिए जाएं क्योंकि कहीं ना कहीं इसमें बुद्धिमान व्यक्ति बुद्धिमान बच्चों का नुकसान है
मेरे को तो यह लगता है कि जैसे कि कक्षा दसवीं के पेपर कैंसिल हुआ है वैसे कक्षा 12वीं की भी पेपर कैंसिल ही होंगे क्योंकि कहीं ना कहीं बच्चों की सुरक्षा पहले कदम पर रखी जाती है ना कि पेपर को
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